11/11/2011

साहित्यिक ब्लॉगर्स हेतु अ. भा. रचना शिविर के लिए प्रविष्टियाँ आमंत्रित


पद्मश्री मुकुटधर पांडेय स्मृति रचना शिविर रायगढ़ में

रायगढ़ । रचनाकारों की संस्था, प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान, रायपुर, छत्तीसगढ़ द्वारा इंटरनेट पर सक्रिय तथा युवा ब्लॉगरों (कवियों/लेखकों/निबंधकारों/कथाकारों/लघुकथाकारों/गीतकारों/ग़ज़लकारों/ बाल साहित्यकारों) को देश के विशिष्ट और वरिष्ठ रचनाकारों द्वारा साहित्य के मूलभूत सिद्धातों, विधागत विशेषताओं, परंपरा, विकास और समकालीन प्रवृत्तियों से परिचित कराने, उनमें संवेदना और अभिव्यक्ति कौशल को विकसित करने, प्रजातांत्रिक और शाश्वत जीवन मूल्यों के प्रति उन्मुखीकरण तथा स्थापित लेखक तथा उनके रचनाधर्मिता से तादात्मय स्थापित कराने के लिए तृतीय अ.भा.त्रिदिवसीय/रचना शिविर (7, 8, 9 जनवरी, 2012) सृजनात्मक लेखन कार्यशाला का आयोजन छायावाद के जनक कवि पद्मश्री मुकुटधर पांडेय और कत्थक सम्राट राजा चक्रधर की नगरी रायगढ़, (अग्रोहा भवन, गौरीशंकर मंदिर के पास), छत्तीसगढ़ में किया जा रहा है जिसमें देश के महत्वपूर्ण रचनाकार और विशेषज्ञ मार्गदर्शन हेतु उपस्थित रहेंगे । इसके पूर्व मुक्तिबोध स्मृति रचना शिविर और श्रीकांत वर्मा स्मृति रचना शिविर का सफल आयोजन क्रमशः राजनांदगांव और कोरबा में किया जा चुका है । इस तृतीय अखिल भारतीय स्तर के कार्यशाला में देश के 150 युवा रचनाकारों तथा उभरते हुए रचनाकारों को सम्मिलित किया जायेगा ।


संक्षिप्त ब्यौरा निम्नानुसार है-
1. प्रतिभागियों को 25 दिसंबर, 2011 तक अनिवार्यतः निःशुल्क पंजीयन कराना होगा ।
2.प्रतिभागियों का अंतिम चयन पंजीकरण में प्राप्त आवेदन पत्र के क्रम से होगा ।
पंजीकृत एवं कार्यशाला में सम्मिलित किये जाने वाले रचनाकारों का नाम ई-मेल से सूचित किया जायेगा ।
3. प्रतिभागियों की आयु 18 वर्ष से कम एवं 45 वर्ष से अधिक ना हो ।
4. प्रतिभागियों में 20 स्थान हिन्दी के स्तरीय ब्लॉगर के लिए सुरक्षित रखा गया है ।
5. प्रतिभागियों को संस्थान/कार्यशाला में एक स्वयंसेवी रचनाकार की भाँति, समय-सारिणी के अनुसार अनुशासनबद्ध होकर कार्यशाला में भाग लेना अनिवार्य होगा ।
6. प्रतिभागी रचनाकारों को प्रतिदिन दिये गये विषय पर लेखन-अभ्यास करना होगा जिसमें वरिष्ठ रचनाकारों द्वारा मार्गदर्शन दिया जायेगा ।
7. कार्यशाला के सभी निर्धारित नियमों का आवश्यक रूप से पालन करना होगा ।
8. प्रतिभागियों को सैद्धांतिक विषयों के प्रत्येक सत्र में भाग लेना अनिवार्य होगा । अपनी वांछित विधा विशेष के सत्र में वे अपनी इच्छानुसार भाग ले सकते हैं । प्रतिभागियों के आवास, भोजन, स्वल्पाहार, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह, संदर्भ सामग्री की व्यवस्था संस्थान द्वारा की जायेगी ।
9.प्रतिभागियों को अपना यात्रा-व्यय स्वयं वहन करना होगा ।
10. प्रतिभागियों को 6 जनवरी, 2012 शाम 6 बजे के पूर्व कार्यशाला स्थल – अग्रोहा भवन, गौरी शंकर मंदिर के पास, रायगढ़, छत्तीसगढ़ में अनिवार्यतः उपस्थित होना होगा ।


पंजीयन हेतु आवेदन-पत्र नमूना
01.नाम -
02. जन्म तिथि व स्थान (हायर सेंकेंडरी सर्टिफिकेट के अनुसार) -
03. शैक्षणिक योग्यता –
04. वर्तमान व्यवसाय -
05. लेखन की केंद्रीय विधा -
05. प्रकाशन (पत्र-पत्रिकाओं के नाम) –
06. प्रकाशित कृति का नाम –
07. ब्लॉग्स का यूआरएल – (यदि हो तो)
08. अन्य विवरण ( संक्षिप्त में लिखें)
09. पत्र-व्यवहार का संपूर्ण पता -
10. मो. नं.
11. ई-मेल –
10. हस्ताक्षर

संपर्क सूत्र
जयप्रकाश मानस
कार्यकारी निदेशक
प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान, छत्तीसगढ़
एफ-3, छगमाशिम, आवासीय परिसर, पेंशनवाड़ा, रायपुर, छत्तीसगढ – 492001
ई-मेल-pandulipipatrika@gmail.com
मो.-94241-82664

10/28/2010

साहित्यिक ब्लॉगरों के लिए रचना शिविर


रायपुर । रचनाकारों की संस्था, प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान, रायपुर, छत्तीसगढ़ द्वारा देश के उभरते हुए कवियों/लेखकों/निबंधकारों/कथाकारों/लघुकथाकारों/ साहित्यिक ब्लॉगरों को देश के विशिष्ट और वरिष्ठ रचनाकारों द्वारा साहित्य के मूलभूत सिद्धातों, विधागत विशेषताओं, परंपरा, विकास और समकालीन प्रवृत्तियों से परिचित कराने, उनमें संवेदना और अभिव्यक्ति कौशल को विकसित करने, प्रजातांत्रिक और शाश्वत जीवन मूल्यों के प्रति उन्मुखीकरण तथा स्थापित लेखक तथा उनके रचनाधर्मिता से तादात्मय स्थापित कराने के लिए अ.भा.त्रिदिवसीय/रचना शिविर (17 18, 19, 20 दिसंबर, 2010) सृजनात्मक लेखन कार्यशाला का आयोजन विश्वकवि गजानन माधव मुक्तिबोध की कार्यस्थली (त्रिवेणी परिसर), राजनांदगाँव में किया जा रहा है । इस अखिल भारतीय स्तर के कार्यशाला में देश के 75 नवोदित/युवा रचनाकारों को सम्मिलित किया जायेगा । कार्यशाला में रचनाकारों की रचनाओं का परीक्षण, मार्गदर्शन सहित उन्हें सैद्धांतिक जानकारी दी जायेगी । प्रतिभागी रचनाकार अपनी रचनाओं का पाठ भी देश के प्रख्यात रचनाकारों, आलोचकों, कहानीकारों, कवियों, शिक्षाविदों, संपादकों के मध्य करेंगे ।

कार्यशाला में व्याख्यान-विमर्श के मुख्य विषय

दिनाँक 17 अक्टूबर, 2010

उद्घाटन, विमोचन

दिनाँक 18 दिसंबर, 2010

रचना की दुनिया दुनिया की रचना

रचना में यथार्थ और कल्पना

रचना और प्रजातंत्र

रचना और भारतीयता
रचना : महिला, दलित और आदिवासी
रचना और मनुष्यता के नये संकट

दिनाँक 19 दिसंबर, 2010

रचना और संप्रेषण
शब्द, समय और संवेदना
कविता की अद्यतन यात्रा
कविता - छंद और लय

कैसा गीत कैसे पाठक ?
कहानी-विषयवस्तु, भाषा, शिल्प

दिनाँक 20 दिसंबर, 2010

कहानी की पहचान
लघुकथा क्या ? लघुकथा क्या नहीं ?
आलोचना क्यों, आलोचना कैसी?
ललित निबंध : कितना ललित-कितना निबंध)

संक्षिप्त ब्यौरा निम्नानुसार है-

01. प्रतिभागियों को 20 नवंबर, 2010 तक अनिवार्यतः निःशुल्क पंजीयन कराना होगा । पंजीयन फ़ार्म संलग्न है ।

02. प्रतिभागियों का अंतिम चयन पंजीकरण में प्राप्त आवेदन पत्र के क्रम से होगा ।
पंजीकृत एवं कार्यशाला में सम्मिलित किये जाने वाले रचनाकारों का नाम ई-मेल से सूचित किया जायेगा ।

03. प्रतिभागियों की आयु 18 वर्ष से कम एवं 45 वर्ष से अधिक ना हो ।

04. प्रतिभागियों में 5 स्थान हिन्दी के स्तरीय ब्लॉगर के लिए सुरक्षित रखा गया है ।

05. प्रतिभागियों को संस्थान/कार्यशाला में एक स्वयंसेवी रचनाकार की भाँति, समय-सारिणी के अनुसार अनुशासनबद्ध होकर कार्यशाला में भाग लेना अनिवार्य होगा ।

06. प्रतिभागी रचनाकारों को प्रतिदिन दिये गये विषय पर लेखन-अभ्यास करना होगा जिसमें देश के वरिष्ठ रचनाकारों द्वारा मार्गदर्शन दिया जायेगा ।

07. कार्यशाला के सभी निर्धारित नियमों का आवश्यक रूप से पालन करना होगा ।

08. प्रतिभागियों को सैद्धांतिक विषयों के प्रत्येक सत्र में भाग लेना अनिवार्य होगा । अपनी वांछित विधा विशेष के सत्र में वे अपनी इच्छानुसार भाग ले सकते हैं । प्रतिभागियों के आवास, भोजन, स्वल्पाहार, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह की व्यवस्था संस्थान द्वारा किया जायेगा ।

09. प्रतिभागियों को कार्यशाला में संदर्भ सामग्री दी जायेगी ।

10. प्रतिभागियों को अपना यात्रा-व्यय स्वयं वहन करना होगा ।

11. प्रतिभागियों को 17 दिसंबर, 2010 दोपहर 3 बजे के पूर्व कार्यशाला स्थल त्रिवेणी परिसर/सिंधु सदन, जीई रोड, राजनांदगाँव, छत्तीसगढ़ में अनिवार्यतः उपस्थित होना होगा । पंजीकृत/चयनित प्रतिभागी लेखकों को कार्यशाला स्थल (होटल) की जानकारी, संपर्क सूत्र आदि की सम्यक जानकारी पंजीयन पश्चात दी जायेगी ।



संपर्क सूत्र
जयप्रकाश मानस
कार्यकारी निदेशक
प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान, छत्तीसगढ़
एफ-3, छगमाशिम, आवासीय परिसर, पेंशनवाड़ा, रायपुर, छत्तीसगढ – 492001
ई-मेल-pandulipipatrika@gmail.com
मो.-94241-82664


पंजीयन हेतु आवेदनपत्र नमूना

01. नाम -
02.
जन्म तिथि व स्थान (हायर सेंकेंडरी सर्टिफिकेट के अनुसार) -
03.
शैक्षणिक योग्यता
04.
वर्तमान व्यवसाय -
05.
प्रकाशन (पत्र-पत्रिकाओं के नाम)
06.
प्रकाशित कृति का नाम
07.
ब्लॉग्स का यूआरएल – (यदि हो तो)
08.
अन्य विवरण ( संक्षिप्त में लिखें)
09.
पत्र-व्यवहार का संपूर्ण पता (ई-मेल सहित)

हस्ताक्षर

7/18/2010

प्रमोद वर्मा सम्मान, मधुरेश, ज्योतिष जोशी और डॉ. शोभाकांत झा को

रायपुर । द्वितीय प्रमोद वर्मा स्मृति आलोचना सम्मान से प्रतिष्ठित कथाआलोचक मधुरेश और युवा आलोचक ज्योतिष जोशी को सम्मानित किया जायेगा । इसी तरह राज्य स्तरीय प्रमोद वर्मा रचना सम्मान से वरिष्ठ ललित निबंधकार और लेखक डॉ. शोभाकांत झा को अलंकृत किया जायेगा । यह सम्मान उन्हें 31 जुलाई, प्रेमचंद जयंती के दिन रायपुर, छत्तीसगढ़ में आयोजित द्वितीय अखिल भारतीय प्रमोद वर्मा स्मृति समारोह में प्रदान किया जायेगा । उक्त अवसर पर शताब्दी पुरुष द्वय अज्ञेय और शमशेर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया है । यह सम्मान हिन्दी आलोचना की परंपरा में मौलिक और प्रभावशाली आलोचना दृष्टि को प्रोत्साहित करने के लिए 2 आलोचकों को दिया जाता है। संस्थान द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर देश के दो आलोचकों को सम्मान स्वरूप क्रमश- 21 एवं 11 हज़ार रुपये नगद, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह एवं प्रमोद वर्मा के समग्र प्रदान कर सम्मानित किया जाता है । इसमें एक सम्मान युवा आलोचक के लिए निर्धारित है ।

चयसमिति के संयोजक जयप्रकाश मानस ने अपनी विज्ञप्ति में बताया है कि इस उच्च स्तरीय निर्णायक मंडल के श्री केदार नाथ सिंह, डॉ. धनंजय वर्मा, डॉ. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, विजय बहादुर सिंह और विश्वरंजन ने एकमत से वर्ष 2010 के लिए दोनों आलोचकों का चयन किया है । राज्य स्तरीय रचना सम्मान के निर्णायकों में डॉ. सुशील त्रिवेदी, गिरीश पंकज, डॉ. बलदेव, विश्वरंजन और जयप्रकाश मानस (संयोजक) ज्ञातव्य हो कि मुक्तिबोध, हरिशंकर परसाई और श्रीकांत वर्मा के समकालीन आलोचक, कवि, नाटककार और शिक्षाविद् प्रमोद वर्मा की स्मृति में गठित संस्थान द्वारा स्थापित प्रथम आलोचना सम्मान से गत वर्ष श्रीभगवान सिंह और कृष्ण मोहन को नवाज़ा गया था।

बरेली निवासी मधुरेश वरिष्ठ और पूर्णकालिक कथाआलोचक हैं जिन्होंने पिछले 35 वर्षों से हिन्दी कहानी और उपन्यासों पर उल्लेखनीय कार्य किया है । उनकी प्रमुख चर्चित-प्रशंसित कृतियाँ है - आज की कहानी : विचार और प्रतिक्रिया, सिलसिला : समकालीन कहानी की पहचान', हिन्दी आलोचना का विकास, हिन्दी कहानी का विकास, हिन्दी उपन्यास का विकास, मैला आँचल का महत्व, नयी कहानी : पुनर्विचार, नयी कहानी : पुनर्विचार में आंदोलन और पृष्ठभूमि, कहानीकार जैनेन्द्र कुमार : पुनर्विचार, उपन्यास का विकास और हिन्दी उपन्यास : सार्थक की पहचान, देवकीनंदन खत्री (मोनोग्राफ), रांगेय राघव (मोनोग्राफ), यशपाल (मोनोग्राफ), यशपाल : रचनात्मक पुनर्वास की एक कोशिश , अश्क के पत्र, फणीश्वरनाथ रेणु और मार्क्सवादी आलोचना आद

डॉ. ज्योतिष जोषी युवा पीढ़ी में पिछले डेढ़ दशक से अपनी मौलिक साहित्य, कला और संस्कृति आलोचना के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करते हुए अपनी प्रखर उपस्थिति से सबका ध्यान आकृष्ट किया है । मूलतः गोपालगंज बिहार निवासी श्री जोशी की प्रमुख कृतियाँ हैं – आलोचना की छवियाँ, विमर्श और विवेचना, जैनेन्द्र और नैतिकता, साहित्यिक पत्रकारिता, पुरखों का पक्ष, उपन्यास की समकालीनता, नैमिचंद जैन, कृति आकृति, रूपंकर, भारतीय कला के हस्ताक्षर, सोनबरसा, संस्कृति विचार, सम्यक, जैनेन्द्र संचयिता, विधा की उपलब्धिःत्यागपत्र व भारतीय कला चिंतन (संपादन)।

7/06/2010

आज ब्लॉगर सहित मीडियाकर्मियों का सम्मान

सृजनागाथा डॉट कॉम के चार साल पूर्ण

रायपुर । राज्य की पहली वेब पत्रिका तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित, साहित्य, संस्कृति, विचार और भाषा की मासिक पोर्टल सृजनगाथा डॉट कॉम चार वर्ष पूर्ण होने पर चौंथे सृजनगाथा व्याख्यानमाला का आयोजन आज 6 जुलाई, 2010 दिन मंगलवार को स्थानीय प्रेस क्लब, रायपुर में दोपहर 3 बजे किया गया है । जिसमें हिन्दी के चर्चित आलोचक, समीक्षक और संपादक,उन्नयन, इलाहाबाद श्रीप्रकाश मिश्र, “कविता क्या, कविता क्यों ?” विषय पर व्याख्यान देंगे । विशिष्ट अतिथि होंगे छत्तीसगढ़ हिन्दी ग्रंथ अकादमी के अध्यक्ष श्री रमेश नैयर, दैनिक अमृत संदेश के प्रधान संपादक श्री गोविंद लाल वोरा, जनसत्ता के स्थानीय संपादक श्री अनिल विभाकर, वरिष्ठ लेखक श्री सुशील त्रिवेदी, नई दुनिया के संपादक श्री रवि भोई व प्रेस क्लब के अध्यक्ष श्री अनिल पुसदकर ।

इस अवसर पर चौंथे सृजनगाथा डॉट कॉम सम्मान से श्री सनत चतुर्वेदी (पत्रकारिता), श्री नरेन्द्र बंगाले (फोटो पत्रकारिता), श्री संतोष जैन (इलेक्ट्रानिक मीडिया), श्री संदीप अखिल (रेडियो पत्रकारिता), श्री अशोक शर्मा (वेब-विशेषज्ञ), श्री संजीत त्रिपाठी (हिन्दी ब्लॉगिंग), श्री त्र्यम्बक शर्मा (कार्टून) और श्री कैलाश वनवासी, दुर्ग (कथा लेखन) श्री देवांशु पाल, बिलासपुर (लघुपत्रिका) को सम्मानित किया जायेगा। छत्तीसगढ़ के साहित्यकार, पत्रकार, रंगकर्मी, बुद्धिजीवी, ब्लागर्स, शिक्षाविद आदि को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया है ।

5/08/2010

हिंदी के महत्वपूर्ण ब्लॉगों का आदर

यूँ तो आज लगभग हिंदी के महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं में हिंदी ब्लॉगों को तवज्जो दिया जा रहा है । कोई ब्लॉग में छपे अंशों को प्रकाशित कर अपना ब्लॉग प्रेम का प्रदर्शन कर रहा है तो कोई किसी चयनित और छोटी सी पोस्टिंग को । इंटरनेट पर संचालित कई ऐेसी पत्रिकायें या पोर्टल हैं जो कमोवेश अपने ख़ास लेखकों के ब्लॉग वहाँ प्रदर्शित कर रहे हैं । किन्तु एक बात तो अब तक देखने को मिली है - वह है चयन में अपने पूर्वाग्रह । जैसे हरिभूमि में पिछले कई माह से एक दो ब्लॉगों की पोस्टिंग को ही कट एंड पेस्ट कर चिपका दिया जा रहा है । हो सकता है यह लाचारी हो और शायद इसके पीछे समय की कमी भी हो । कुछ अख़बार ऐसे हैं जो सिर्फ़ अपने विचारधारा के ब्लॉगों को ही छाप रहे हैं ।

बहरहाल सृजनगाथा जैसी भाषा, साहित्य और संस्कृति को प्रोत्साहित करने वाली विशुद्धतः साहित्यिक पोर्टल ने अब हिंदी के महत्वपूर्ण ब्लॉग्स को समादरण देने लगी है । इसमें विषय साहित्यिक भी होंगे और साहित्येत्तर भी । चूँकि ब्लॉग्स ग्लोबल अभिव्यक्ति के साधन हैं अतः यहाँ भूगोल का भी दुराग्रह नहीं होगा । अब तक अधिकांश पत्रिकाओं ने जिन ब्लॉग्स या ब्लॉगर्स की कथित चर्चा की है, हम उसके मोह से भी बचते रहेंगे । सुदूर गाँवों में, कम साधनों के बावजूद ब्लॉग्स पर हिन्दी को विस्तारित करने वाले ब्लॉगर्स पर भी हमारी दृष्टि रहेगी ।

हमने पिछले सप्ताह से शुरू किया है - आप ही देखें कुछ ब्लॉग्स, हो सकता है जिसे शायद आप ऐसे ही जाने दिये होंगे -


ब्लॉग गाथा




जिन्ना, जसवंत और भारत का भविष्य
बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायण